अनुराग ट्रस्ट द्वारा लखनऊ में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन
लखनऊ 25 अप्रैल, 2016। आज लखनऊ के बाबा का पुरवा में अनुराग ट्रस्ट के सहयोग से बस्ती के बच्चाें का एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया। बच्चों ने कई गीत, नृत्य-गीत और ‘गिरगिट’ नाटक की प्रस्तुति की। चेखव की कहानी का बच्चों के लिए यह मज़ेदार नाट्य रूपान्तरण सफ़दर हाशमी ने किया है।
इस मौके पर बच्चों की ओर से बस्ती के घर-घर में बाँटे गये पर्चे का मज़मून कुछ इस तरह था:
बच्चों का है ये अरमान,
बनायेंगे इक नया जहान !
कोई हमें बुरी संगत में पड़ने के लिए डाँट लगाता है तो कोई इधर-उधर घूमने के लिए। पर कोई हमें यह नहीं बताता कि अपनी ज़िन्दगी को सुन्दर और बेहतर बनाने के लिए हम क्या करें। इसलिए हम बच्चे मिलकर ख़ुद ही एक छोटी-सी शुरुआत कर रहे हैं। हम अपनी बस्ती में एक छोटी-सी लायब्रेरी भी बनाना चाहते हैं। यहाँ पर हम मिल-बैठकर अच्छी-अच्छी किताबें पढ़ेंगे जिनमें इस दुनिया के बारे में और ज्ञान-विज्ञान की बहुत-सी जानकारियों होंगी और मज़ेदार कहानियाँ होंगी। हम नयी-नयी चीज़ें बनाना सीखेंगे, कला-संगीत-नाटक सीखेंगे और मज़ेदार खेल खेलेंगे। जो बच्चे पढ़ना नहीं जानते, उन्हें हम पढ़ना-लिखना भी सिखायेंगे ताकि वे भी हमारे साथ नयी-नयी बातें सीख सकें। एक साथ पढ़ते-सीखते और खेलते हुए हम यह भी सीखेंगे कि आपस में लड़ने से नहीं बल्कि एक साथ मिलकर ही हम इस दुनिया को अच्छा बना सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि इस बस्ती में पिछले कुछ समय से आर.एस.एस. के लोग बच्चों को इकट्ठा करके अन्धराष्ट्रवादी नारे लगवाने और खेल के बहाने अपने ज़हरीले विचारों के प्रचार में लगे हुए थे। मोहल्ले के ही कुछ नौजवानों ने इस बात पर आपत्ति भी की थी कि ”देशहित” और ”हिन्दू हित” के नाम पर मुसलमानों के विरुद्ध बातें क्यों की जाती हैं। लेकिन संघ के लोग यहाँ अपना आधार फैलाने के प्रयासों में लगे हुए थे और बच्चों को तरह-तरह के प्रलोभन भी देते रहते थे। बहरहाल, करीब 20 दिन पहले बच्चों के इस कार्यक्रम के रिहर्सल और उसी स्थान पर मोहल्ले के लोगों को लेकर स्वास्थ्य के सवाल पर कुछ अन्य कामों की शुरुआत के बाद से उनकी आवाजाही बन्द हो गयी है। कल के कार्यक्रम में मोहल्ले के लोगों के बीच यह भी तय हुआ कि इस स्थान पर जल्दी ही एक लायब्रेरी भी शुरू की जायेगी।
Leave a comment