चंडीगढ़ में बाल सृजनात्मक शिविर का आयोजन

चंडीगढ़ के सैक्टर 52 की कॉलोनी में 1-7 जून, 2015 को ‘बाल सृजनात्मक शिविर’ का आयोजन किया गया जिसमें मज़दूर बस्ती के 45 बच्चों ने हिस्सा लिया। इस कैंप में बच्चों को अभिनय, चित्रकला, गीत-संगीत, नाच और क्ले-मॉडलिंग जैसी कलाएँ सिखाई गईं। हर रोज़ बाल कैंप की शुरुआत कराटे क्लास से की जाती थी। इस दौरान उन्हें आत्म-रक्षा के तरीके बताए जाते थे। कैंप के दौरान प्रो.रविंदर शर्मा ने बच्चों को चित्रकला की बारीकियां सिखाईं। बच्चों को क्ले-मिट्टी से तरह-तरह के खिलौने और अन्य चीज़ें बनाना सिखाया गया। इसके अलावा बच्चों को गीत-संगीत और ऐक्टिंग की सिखलाई भी कैंप की रोज़मर्रा सिखलाई का हिस्सा रही।
कैंप के आखिरी दिन 7 जून को बच्चों ने कैंप के दौरान सीखी कलाओं की प्रस्तुति दी। बच्चों ने एंटोन चेख़व द्वारा लिखित नाटक ‘गिरगिट’ का मंचन किया। इसके अलावा बच्चों ने ‘प्यार बांटते चलो’, ‘आ गए यहां जवां कदम’ और ‘हम होंगे कामयाब’ गीत प्रस्तुत किए। साथ ही बच्चों ने ‘जीना इसी का नाम है’ गीत पर कोरियोग्राफ़ी और भूपेन हज़ारिका के गीत ‘एक कली दो पत्तियाँ’ पर नृत्य किया। बच्चों की ओर से कराटे की प्रस्तुति दी गई और साथ ही ‘बच्चों का घोषणापत्र’ भी पढ़ा गया। प्रोग्राम के दौरान बच्चों द्वारा बनाई गई पेंटिंगों की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी जिसको बच्चों के माता-पिता ने बहुत सराहा। इस प्रोग्राम में बच्चों के माता-पिता के अलावा कॉलोनी के 250 के करीब लोग शामिल हुए। अंत में अनुराग ट्रस्ट की ओर से सभी बच्चों को किताबें भेंट की गई।

बाल सृजनात्मक शिविर की कुछ तस्वीरें

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